Sunday, December 10, 2017

रधुनाथ मंदिर (जम्मू)




 रधुनाथ मंदिर (जम्मू)














मंदिरों के शहर जम्मू का बात हो तो रघुनाथ मंदिर का जिक्र लाजिमी है। रधुनाथ मंदिर जम्मू शहर के मध्य में स्थ‌ित है। यह मंदिर ना स‌िर्फ ह‌िंदू धर्म की आस्था का बल्क‌ि जम्मू की भी पहचान है। यह मंदिर अपनी कलात्मकता का एक व‌‌िश‌िष्ट उदाहरण है। रघुनाथ मंदिर भगवान राम को समर्प‌‌ित है। यह मंदिर उत्तर भारत के प्रमुख और अनोखे मंद‌‌िरों में से एक है।  रघुनाथ मंदिर का निर्माण 1857 में महाराजा रणवीर सिंह और उनके पिता महाराजा गुलाब सिंह द्वारा करवाया गया था। इस मंदिर में 7 ऐतिहासिक धार्मिक स्‍थल मौजूद है। मंदिर के आन्‍तरिक हिस्‍सों में सोना लगा हुआ है जो तेज का स्‍वरूप है। मंदिर में कई देवी और देवताओं की मूर्ति लगी हुई है। इस मंदिर में हिंदू धर्म के 33 करोड़ देवी और देवताओं की लिंगम भी बने है जो मंदिरों में एक इतिहास है। श्रद्धालुओं को यहां काफी आश्‍चर्य होता है। ऐतिहासिक रघुनाथ मंदिर पर नवंबर 2002 में आतंकी हमला भी हो चुका है। जिसके बाद इस मंदिर को कुछ समय के ल‌िए बंद कर दिया गया था।  हमले के 11 साल बाद साल 2013 में एक बार फिर से मंदिर के द्वार भक्त के ल‌िए खोल दिए गए। इस मंदिर को सन 1835 में राजा गुलाब स‌िंह ने बनवाना शुरु किया था। लेकिन मंदिर बनकर राजा रणवीर स‌िंह के काल में पूरा हुआ। मंदिर के भीतर दीवारों पर तीन तरफ सोने की परत चढ़ी हुई है। यह मंदिर बाहर से पांच कलश नज़र आते हैं जो लम्बाई में फैले हैं। गर्भ गृह में राम सीता लक्ष्मण की विशाल मूर्तियाँ हैं। इस मंदिर की विशेषता यह हैं कि इसमे रामायण महाभारत काल के कई चरित्रों की मूर्तियाँ विभिन्न कक्षों में हैं। गर्भ गृह के चारो ओर अहाते में विशाल कक्ष बने हैं जिनमे ये मूर्तियाँ हैं। इसके अलावा एक कक्ष में चारों धाम के दर्शन किए जा सकते हैं। बीच में ऎसी व्यवस्था हैं कि चारों ओर से एक-एक धाम-रामेश्वरम, द्वारकाधीष, बद्रीनाथ, केदारनाथ के दर्शन किए जा सकते हैं। एक कक्ष में बीच में भगवान सत्यनारायण के दर्शन किए जा सकते। इस कक्ष के बीचोबीच उकेरा गया सूर्य बहुत सुन्दर हैं। चारों ओर दीवारों पर बारहमासा दर्शनीय हैं, हर महीने चैत्र, वैशाख आदि के लिए उस माह के मुख्य देवता की मूर्ति हैं। रघुनाथ मंदिर के निर्माण कैसे हुआ इससे जुड़ा एक बेहद की रोचक किस्सा है। ऐसा का कहा जाता है क‌ि महाराज ग‌ुलाब स‌िंह को इस मंदिर के न‌िर्माण की प्रेरणा श्री राम दास वैरागी से मिली थी। कहा जाता है क‌ि रामदास वैरागी ने गुलाब स‌िंह के राजा बनने की भवष्यिवाणी की थी। जो क‌ि बाद में सत्य निकली। रामदास वैरागी भगवान राम के भक्त थे। वे भगवान राम के आदर्शों का प्रचार करने अयोध्या से जम्मू आए थे। सुई सिम्बली में कुटिया बनाकर रहते थे। रामदास  ने जम्मू क्षेत्र में पहले राम मंदिर का निर्माण सुई सिम्बली में करवाया था। इस मंदिर का रामनवमी का त्यौहार दर्शनीय होता है। राजा महाराजाओं के समय रामनवमी का त्यौहार पर सरकारी छुट्टी घोषित की जाती थी। और भगवान राम की झांकी साथ -साथ पुलिस और सुरक्षाबल की टुकड़ियां चला करती थी।    







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