Wednesday, December 13, 2017

हनुमान धारा, चित्रकूट, उत्तरप्रदेश

हनुमान धारा, चित्रकूट, उत्तरप्रदेश  

उत्तरप्रदेश के सीतापुर नामक स्थान से 3 मील दूर पर्वतमाला के मध्यभाग में यह हनुमान मंदिर स्थापित है। पहाड़ के सहारे हनुमानजी की एक विशाल मूर्ति के ठीक सिर पर जल के दो कुंड हैं, जो हमेशा जल से भरे रहते हैं और उनमें से निरंतर पानी बहता रहता है। इस धारा का जल हनुमानजी को स्पर्श करता हुआ बहता है इसीलिए इसे हनुमान धारा कहते हैं।


कहा जाता है कि श्रीराम के अयोध्या में राज्याभिषेक होने के बाद एक दिन हनुमानजी ने भगवान श्री रामचंद्र से कहा- 'हे भगवन्! मुझे कोई ऐसा स्थान बतलाइए, जहां लंका दहन से उत्पन्न मेरे शरीर का ताप मिट सके।' तब भगवान श्रीराम ने हनुमानजी को यह स्थान बताया था।

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