विवाह जीवनभर का बंधन होता है, इसलिए इसके लिए सही मुहूर्त का होना अति आवश्यक है। वर्ष 2018 में गुरु की स्थिति बदलने, अधिकमास आने, गुरु के अस्त होने, चातुर्मास तथा धनुर्मास आने के कारण विवाह के मुहूर्त काफी कम हैं। अनेक मुहूर्तों में पूजा करवाना आवश्यक होगा। यह वर-वधू के गुरुबल, चंद्रबल और सूर्यबल के आधार पर स्थानीय ज्योतिषी निर्णय लेंगे। विवाह के लिए कन्या का गुरुबल और वर का सूर्यबल देखा जाता है। उसके अनुसार ही विवाह का मुहूर्त तय होता है। दिनांक 12 सितंबर 2017 से 11 अक्टूबर 2018 तक बृहस्पति तुला राशि में भ्रमण करेंगे। तुला राशि के बृहस्पति के अनुसार विवाह वर्ष 2018 के विवाह मुहूर्त दिए जा रहे हैं।
विवाह मुहूर्त जनवरी: इस माह में विवाह का कोई मुहूर्त नहीं है। 14 जनवरी तक धनुर्मास या मलमास चलने के कारण विवाह नहीं होंगे।
फरवरी
18 फरवरी रविवार फाल्गुन शुक्ल तृतीया
20 फरवरी मंगलवार फाल्गुन शुक्ल पंचमी
24 फरवरी शनिवार फाल्गुन शुक्ल नवमी
मार्च
2 मार्च शुक्रवार चैत्र कृष्ण प्रथमा
3 मार्च शनिवार चैत्र कृष्ण द्वितीया
6 मार्च मंगलवार चैत्र कृष्ण पंचमी
8 मार्च गुरुवार चैत्र कृष्ण सप्तमी
अप्रैल
18 अप्रैल बुधवार वैशाख शुक्ल तृतीया
19 अप्रैल गुरुवार वैशाख शुक्ल चतुर्थी
20 अप्रैल शुक्रवार वैशाख शुक्ल पंचमी
26 अप्रैल गुरुवार वैशाख शुक्ल एकादशी
27 अप्रैल शुक्रवार वैशाख शुक्ल द्वादशी
28 अप्रैल शनिवार वैशाख शुक्ल त्रयोदशी
29 अप्रैल रविवार वैशाख शुक्ल चतुर्दशी
मई
11 मई शुक्रवार प्रथम ज्येष्ठ कृष्ण एकादशी
12 मई शनिवार प्रथम ज्येष्ठ कृष्ण द्वादशी
16 मई 2018 से
13 जून 2018 तक अधिकमास रहने से एक माह विवाह निषिद्ध रहेंगे
जून
19 जून मंगलवार द्वि. ज्येष्ठ शुक्ल षष्ठी
20 जून बुधवार द्वि. ज्येष्ठ शुक्ल अष्टमी
21 जून गुरुवार द्वि. ज्येष्ठ शुक्ल नवमी
22 जून शुक्रवार द्वि. ज्येष्ठ शुक्ल दशमी
23 जून शनिवार द्वि. ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी
25 जून सोमवार द्वि. ज्येष्ठ शुक्ल त्रयोदशी
29 जून शुक्रवार आषाढ़ कृष्ण प्रतिपदा
जुलाई
5 जुलाई गुरुवार आषाढ़ कृष्ण सप्तमी
6 जुलाई शुक्रवार आषाढ़ कृष्ण अष्टमी
10 जुलाई मंगलवार आषाढ़ कृष्ण द्वादशी
12 दिसंबर बुधवार मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी 13 दिसंबर गुरुवार मार्गशीर्ष शुक्ल षष्ठी 23 जुलाई 2018 आषाढ़ शुक्ल एकादशी के दिन देवशयनी एकादशी होने के कारण चातुर्मास प्रारंभ हो जाएगा जो 19 नवंबर 2018 तक चलेगा। अतः इन चार माह में विवाह नहीं होंगे। इसके बाद 16 दिसंबर 2018 से 14 जनवरी 2019 तक धनुर्मास या मलमास रहने के कारण विवाह नहीं होंगे। इस बीच 13-14 नवंबर 2018 से 8 दिसंबर 2018 तक गुरु अस्त रहने के कारण विवाह नहीं हो पाएंगे। नोट: विवाह की उपरोक्त तिथियां उज्जैनी पंचागों के आधार पर है। स्थान और पंचांग भेद तथा मतांतर के कारण इन तिथियों में परिवर्तन हो सकता है। विवाह की तारीखों के लिए विद्वजन भावी वर-वधू की कुंडलियों और नाम राशि के अनुसार स्थानीय ज्योतिषियों से सलाह लें।
विवाह मुहूर्त जनवरी: इस माह में विवाह का कोई मुहूर्त नहीं है। 14 जनवरी तक धनुर्मास या मलमास चलने के कारण विवाह नहीं होंगे।
फरवरी
18 फरवरी रविवार फाल्गुन शुक्ल तृतीया
20 फरवरी मंगलवार फाल्गुन शुक्ल पंचमी
24 फरवरी शनिवार फाल्गुन शुक्ल नवमी
मार्च
2 मार्च शुक्रवार चैत्र कृष्ण प्रथमा
3 मार्च शनिवार चैत्र कृष्ण द्वितीया
6 मार्च मंगलवार चैत्र कृष्ण पंचमी
8 मार्च गुरुवार चैत्र कृष्ण सप्तमी
अप्रैल
18 अप्रैल बुधवार वैशाख शुक्ल तृतीया
19 अप्रैल गुरुवार वैशाख शुक्ल चतुर्थी
20 अप्रैल शुक्रवार वैशाख शुक्ल पंचमी
26 अप्रैल गुरुवार वैशाख शुक्ल एकादशी
27 अप्रैल शुक्रवार वैशाख शुक्ल द्वादशी
28 अप्रैल शनिवार वैशाख शुक्ल त्रयोदशी
29 अप्रैल रविवार वैशाख शुक्ल चतुर्दशी
मई
11 मई शुक्रवार प्रथम ज्येष्ठ कृष्ण एकादशी
12 मई शनिवार प्रथम ज्येष्ठ कृष्ण द्वादशी
16 मई 2018 से
13 जून 2018 तक अधिकमास रहने से एक माह विवाह निषिद्ध रहेंगे
जून
19 जून मंगलवार द्वि. ज्येष्ठ शुक्ल षष्ठी
20 जून बुधवार द्वि. ज्येष्ठ शुक्ल अष्टमी
21 जून गुरुवार द्वि. ज्येष्ठ शुक्ल नवमी
22 जून शुक्रवार द्वि. ज्येष्ठ शुक्ल दशमी
23 जून शनिवार द्वि. ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी
25 जून सोमवार द्वि. ज्येष्ठ शुक्ल त्रयोदशी
29 जून शुक्रवार आषाढ़ कृष्ण प्रतिपदा
जुलाई
5 जुलाई गुरुवार आषाढ़ कृष्ण सप्तमी
6 जुलाई शुक्रवार आषाढ़ कृष्ण अष्टमी
10 जुलाई मंगलवार आषाढ़ कृष्ण द्वादशी
12 दिसंबर बुधवार मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी 13 दिसंबर गुरुवार मार्गशीर्ष शुक्ल षष्ठी 23 जुलाई 2018 आषाढ़ शुक्ल एकादशी के दिन देवशयनी एकादशी होने के कारण चातुर्मास प्रारंभ हो जाएगा जो 19 नवंबर 2018 तक चलेगा। अतः इन चार माह में विवाह नहीं होंगे। इसके बाद 16 दिसंबर 2018 से 14 जनवरी 2019 तक धनुर्मास या मलमास रहने के कारण विवाह नहीं होंगे। इस बीच 13-14 नवंबर 2018 से 8 दिसंबर 2018 तक गुरु अस्त रहने के कारण विवाह नहीं हो पाएंगे। नोट: विवाह की उपरोक्त तिथियां उज्जैनी पंचागों के आधार पर है। स्थान और पंचांग भेद तथा मतांतर के कारण इन तिथियों में परिवर्तन हो सकता है। विवाह की तारीखों के लिए विद्वजन भावी वर-वधू की कुंडलियों और नाम राशि के अनुसार स्थानीय ज्योतिषियों से सलाह लें।
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