नई दिल्ली: 13 जनवरी को देशभर में लोहड़ी का त्योहार मनाया जा रहा है। यह पर्व मकर संक्रांति से एक दिन पहले आता है। पंजाबियों के लिए लोहड़ी खास मायने रखती है। लोहड़ी के कुछ दिन पहले ही इसकी तैयारी शुरू हो जाती है।
यूं तो लोहड़ी सर्दी के मौसम के जाने और फसलों से जुड़ा पर्व है लेकिन भगवान श्री कृष्ण और शिव जी से भी इस त्योहार को मनाने की कथाएं जुड़ी हैं।
कृष्ण ने किया था लोहिता का वध
एक प्रचालित लोक कथा के अनुसार मकर संक्रान्ति के दिन कंस ने श्री कृष्ण को मारने के लिए लोहिता नाम की राक्षसी को गोकुल भेजा था। जिसे श्री कृष्ण ने खेल-खेल में ही मार डाला था। उसी घटना के फलस्वरूप लोहड़ी पर्व मनाया जाता है।
एक प्रचालित लोक कथा के अनुसार मकर संक्रान्ति के दिन कंस ने श्री कृष्ण को मारने के लिए लोहिता नाम की राक्षसी को गोकुल भेजा था। जिसे श्री कृष्ण ने खेल-खेल में ही मार डाला था। उसी घटना के फलस्वरूप लोहड़ी पर्व मनाया जाता है।
सिंधी समाज भी मकर संक्रांन्ति के एक दिन पूर्व इसे 'लाल लोही' के रूप में मनाता है।
भगवान शिव और सती से जुड़ी कथा
लोहड़ी मनाने और इस दौरान आग जलाने की परंपरा की एक पौराणिक कथा भगवान शिव और सती से भी जुड़ी है। एक कथा के मुताबिक, दक्ष प्रजापति की बेटी सती के योगाग्नि-दहन की याद में ही यह अग्नि जलाई जाती है
लोहड़ी मनाने और इस दौरान आग जलाने की परंपरा की एक पौराणिक कथा भगवान शिव और सती से भी जुड़ी है। एक कथा के मुताबिक, दक्ष प्रजापति की बेटी सती के योगाग्नि-दहन की याद में ही यह अग्नि जलाई जाती है